मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का कहना है कि फिल्म उद्योग के जिम्मेदार लोग कलाकारों का उस तरह से ख्याल नहीं रखते जिसके वे हकदार होते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके योगदान को महज इस वजह से भूल जाते हैं क्योंकि वे अब सक्रिय नहीं हैं। यह सही नहीं है। एक कलाकार को केवल इससे नहीं पहचाना जाना चाहिए कि वह आज क्या कर रहा है और कल क्या करेगा, बल्कि उसे हर समय के लिए पहचाना जाना चाहिए।’’
पिछले महीने अपने पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की जयंती के अवसर पर लता मंगेशकर ने दो कलाकारों को सम्मानित किया जिनके काम की वह व्यक्तिगत रूप से प्रशंसा करती हैं।
इन कलाकारों में से एक अनुपम खेर हैं।
लता कहती हैं, ‘‘हमारे देश में कुछ ही कलाकार ऐसे हैं जिनमें उनकी तरह की बहुमुखी प्रतिभा और प्रभाव पैदा करने की क्षमता है। वह 21 वर्ष के थे जब उन्होंने सारांश में 65 वर्षीय व्यक्ति का किरदार निभाया था। मैं वास्तव में उनकी प्रशंसा करती हूं कि कैसे वह एक कॉमिक चरित्र से दूसरे गंभीर चरित्र में पहुंच जाते हैं। फिर वह हॉलीवुड में बड़े अभिनेताओं के साथ बड़ी अमेरिकी फिल्मों में काम करते हैं।’’
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