बॉलीवुड अभिनेत्री ईशा गुप्ता का कहना है कि महिलाएं एक ही वक्त में संवेदनशील होने के साथ-साथ सशक्त भी होती हैं और वास्तव में संवेदनशीलता ही उनकी ताकत होती है। अपनी आगामी एक्शन-थ्रिलर फिल्म ‘कमांडो 2: द ब्लैक मनी ट्रायल’ में मजेदार भूमिका निभाने जा रहीं ईशा ने हिन्दी सिनेमा में महिलाओं की सशक्त छवि के बारे में पूछे जाने पर आईएएनएस से कहा, ‘मुझे लगता है कि संवेदनशीलता किसी भी महिला की ताकत है। एक औरत बच्चे को जन्म देती है और उसका पालन-पोषण करती है। यह एक पुरुष नहीं कर सकता। महिलाओं के कोमल हृदय और उनमें मौजूद प्यार व स्नेह का अर्थ यह नहीं है कि हम सशक्त नहीं हैं।’ [# आज भी इनकी खूबसूरती के कायल हैं लोग ] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
उन्होंने कहा, ‘यदि दुनिया से प्यार खत्म हो जाए तो सिर्फ युद्ध रह जाएगा। प्यार व क्षमा नफरत से कहीं अधिक प्रभावी होता है। इसे स्वीकार किया जा रहा है और समाज की सोच में भी बदलाव आ रहा है। यही हमारे सिनेमा में भी दर्शाया जाता है।’
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