मुंबई । टीवी अभिनेत्री ईशा सिंह ने रत्ना सिन्हा के नवीनतम निर्देशन वेंचर, 'मिडिल क्लास लव' से बॉलीवुड में अपनी शुरूआत की। कई छोटे पर्दे के अभिनेता अक्सर फिल्मों में स्विच करने की कोशिश करते समय उनके साथ हुए भेदभाव के बारे में बात करते हैं, लेकिन ईशा का इस पर एक अलग ²ष्टिकोण है और इसको अभिनेत्री ने साझा किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या भेदभाव होता है क्योंकि दर्शकों के लिए सिल्वर स्क्रीन पर टीवी अभिनेताओं को स्वीकार करना मुश्किल है, ईशा ने कहा, "मेरा मानना है कि दर्शकों के लिए समायोजित करना इतना मुश्किल नहीं है। वास्तव में, यह उन्हें एक फायदा देता है क्योंकि उनके पास है एक बड़ा प्रशंसक आधार। हमने कई अभिनेताओं को देखा है जो टीवी से फिल्मों में चले गए और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ईशा सिंह ने टीवी शो 'इश्क का रंग सफेद' से अभिनय की शुरूआत की और फिर उन्होंने 'एक था राजा एक थी रानी', 'इश्क सुभान अल्लाह', 'प्यार तूने क्या किया' और 'सिर्फ तुम' में काम किया।
दर्शकों का एक बड़ा वर्ग यह भी कहता है कि नए लोगों को अधिक अवसर दिए जाने चाहिए और वे उनकी फिल्में देखेंगे लेकिन जब देखने की बात आती है, तो वे ज्यादातर बड़े सितारों वाली फिल्मों को पसंद करते हैं।
इस पर अपने विचार साझा करते हुए, उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह सच है कि दर्शक नए चेहरों के साथ फिल्मों को स्वीकार नहीं करते हैं।"
"मुझे लगता है कि कहानी काम करती है। अगर दर्शकों को कहानी पसंद नहीं है, भले ही इसमें एक विशेषता हो बड़ा नाम काम नहीं करेगा। साथ ही, मुझे लगता है कि जीवन जोखिम लेने के बारे में है। किसी को कहीं से शुरू करना ही होगा।"
--आईएएनएस
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