मुंबई। अभिनेत्री-उद्यमी शिल्पा शेट्टी कुंद्रा का कहना है कि हिंदी फिल्मों में उनका सफर आसान नहीं रहा क्योंकि ऐसा भी हुआ कि निर्माताओं ने उन्हें बिना कोई कारण बताए फिल्मों से बाहर निकाल दिया था। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर साझा की गई एक पोस्ट में 1993 में फिल्म बाजीगर से आगाज करने वाली शिल्पा ने हिंदी फिल्म उद्योग के अपने सफर और संघर्ष के बारे में खुलकर बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिल्पा ने लिखा, मैं एक सांवली, लंबी और दुबली-पतली लडक़ी थी, जिसने अपनी जिंदगी के बारे में काफी कुछ प्लान कर रखा था कि मैं ग्रेजुएट होकर पिता के साथ काम करूंगी..भले ही मैं मन ही मन कुछ और बनना चाहती थी, कुछ बड़ा और बेहतर करना चाहती थी, कभी ऐसा महसूस नहीं किया कि मैं कर सकती हूं। लेकिन, जब मैंने बस मजे के लिए एक फैशन शो में हिस्सा लिया तो मैं एक फोटोग्राफर से मिली जो मेरी तस्वीरें लेना चाहता था।
शिल्पा ने कहा कि यह कंफर्ट जोन से बाहर निकलने का एक बेहतरीन अवसर था और उन तस्वीरों ने उनके लिए मॉडलिंग की दुनिया के दरवाजे खोल दिए। अभिनेत्री ने बताया कि जल्द ही उन्हें पहली फिल्म ऑफर हुई और फिर उन्होंने पीछे मुडक़र नहीं देखा। वह आगे बढ़ रही थीं लेकिन कुछ भी आसानी से नहीं मिलता। जब उन्होंने आगाज किया उस समय महज 17 साल की थीं और ज्यादा दुनियादारी नहीं समझती थीं। सफलता के साथ उन्हें परखा जाने लगा जिसके लिए वे तैयार नहीं थीं।
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