हिंदी सिनेप्रेमियों के लिए रोमांस का पर्याय बन चुके ‘किंग ऑफ रोमांस’ शाहरुख खान का कहना है कि वह करियर की शुरुआत में एक्शन फिल्में करना चाहते थे, लेकिन कब रोमांटिक हीरो बन गए, खुद उन्हें भी पता नहीं चला। आजकल भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) पर छिड़ी बहस का जिक्र करने पर वह कहते हैं कि यह उनकी समझ से परे है। उन्होंने दोटूक कहा, ‘मुझे यह कांसेप्ट बिल्कुल समझ नहीं आता और यह भी कि इस पर इतना विवाद क्यों हो रहा है। मेरे भी बच्चे हैं, वे जो बनना चाहते हैं, बनेंगे और जाहिर है कि मैं इसमें उनके साथ हूं और रहूंगा।’ इंडस्ट्री में बीते 25 वर्षो का अनुभव साझा करते हुए शाहरुख आईएएनएस से कहते हैं, ‘मैं शोऑफ में यकीन नहीं रखता। मैंने इन 25 वर्षो में जो कुछ हासिल किया है, मुझे नहीं लगता कि इतनी शोहरत बटोरने की कोई ख्वाबों में भी सोच सकता है। छोटी सी चाहत लेकर काम करना शुरू किया था, लेकिन एक दिन पता चला कि यह चाहत मेरी सोच से ज्यादा बढ़ गई है। शाहरुख से ‘द शाहरुख’ कब बन गया, पता ही नहीं चला। इन सालों में मेरे साथ ऐसी कई चीजें भी हुई हैं, जिनका मैं हकदार भी नहीं हूं, लेकिन उसका श्रेय भी मुझे मिलता रहा है।’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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