कोलकाता। अभिनेत्री व फिल्म निर्माता नंदिता दास ने देश की वर्तमान स्थिति को ‘कलाकारों और लेखकों के लिए भयावह वक्त’ के रूप में वर्णित किया, क्योंकि फिल्मों और कलाओं में पहले कुछभी किया जा सकता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उनका मानना है कि यह अधिक जिम्मेदार बनने का समय है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नंदिता ने बुधवार की देर शाम को टाटा स्टील कोलकाता लिटेररी फेस्टिवल में कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या मैं ‘फिराक’ (2008) कर सकती हूं या आज ‘फायर’ (1996) जैसी फिल्म में अभिनय कर सकती हूं और ये फिल्में अब बन सकती हैं। टीवी धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ में ‘पद्मावती’ पर एक एपिसोड था, जिसे श्याम बेनेगल ने कई साल पहले बनाया था। उन चीजों को हम कर सकते थे और सहमत और असहमत होने के हमारे अपने तरीके थे।’’
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