अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने शुक्रवार को कहा कि डॉक्यूमेंट्री आजमाइश में काम करने के दौरान उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान के मानवीय पहलू को देखा। इसमें उन्होंने पाकिस्तानी फिल्मकार सबीहा सुमार के साथ काम किया है। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2017 में शामिल हुईं कल्कि ने शुक्रवार को कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष से परे दोनों देशों के आम लोगों के संघर्षपूर्ण जीवन को दर्शाता है। कल्कि से जब पूछा गया कि किस बात ने उन्हें इस परियोजना से जुडऩे के आकर्षित किया तो उन्होंने कहा, मुझे लगता है इस विषय पर मेरी तटस्थता..क्योंकि मेरे पास भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर विशेष रूप से अपना कोई मजबूत दृष्टिकोण नहीं था। यह ऐसा कुछ है जिसने सबीहा को आकर्षित किया।
अभिनेत्री ने बताया कि उन्होंने उत्सुकतावश इस परियोजना से जुडऩा स्वीकार किया। कल्कि ने पाकिस्तान में मानवीय पहलू से जुड़े अनुभव के बारे में बताया, जैसी ही आप अपनी विचारधाराओं को हटा देते हैं, आप उन लोगों के संघर्ष के देखना शुरू कर देते हैं। दुनिया के अन्य लोगों की तरह ही पाकिस्तानी लोगों को भी आतंकवाद से डर लगता है। फ्रांसीसी मूल की भारतीय अभिनेत्री ने कहा कि उन्होंने सबीहा के साथ यात्रा करने के दौरान भारत को भी नए नजरिए से देखा।
अभिनेत्री कहती हैं कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसी जगहों और पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के प्रति रूढि़वादी सोच में समानताएं हैं। उन्होंने यह भी देखा कि कैसे शक्ति और धर्म एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कई चीजों से वह हैरान हुई, उन्हें वहां के लोगों का जिज्ञासु स्वभाव पसंद आया। कॉन्क्लेव में डॉक्यूमेंट्री के कुछ दृश्यों को भी दिखाया गया।
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