मुंबई । अभिनेता पंकज त्रिपाठी इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि उनमें हीरो जैसी क्वॉलिटी का अभाव है, लेकिन उन्हें यह बात भी अच्छे से पता है कि वह एक अच्छे अभिनेता माने जाते हैं। वह कहते हैं, "एक हीरो मैटेरियल के तौर पर मैं कभी नहीं सोचा गया। मैं एक एक्टर हूं और मैं एक अच्छा अभिनेता माना जाता हूं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हाल ही में डिजिटली रिलीज हुई उनकी फिल्म 'कागज' में उनका एक ऐसा किरदार है, जिसमें स्टारडम और हीरोइज्म का एक मेल है।
इस पर वह कहते हैं, "फिल्म में हीरोइज्म के विचारों को समेटने और इंडस्ट्री में व्याप्त स्टार सिस्टम को उकेरने का प्रयास किया गया है।"
'कागज' एक सच्ची कहानी से प्रेरित है, जिसमें पंकज एक ऐसे शख्स की भूमिका में हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया जाता है और भ्रष्टाचार से लबरेज सिस्टम से यह साबित करने के लिए संघर्ष करते हैं कि वह अभी भी जीवित हैं।
पंकज फिल्म को एक व्यक्तिगत उपलब्धि के तौर पर देखते हैं क्योंकि एक हीरो को लेकर जिस तरह की एक आम भावना होती है, यह उस भावना को चुनौती देता है।
वह आगे कहते हैं, "मैं खुश हूं कि सतीश कौशिक ने मुझ जैसे एक कलाकार को एक अकेले के दम पर इस फिल्म को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी।" (आईएएनएस)
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