नई दिल्ली। फिल्म ‘पद्मावत’ के क्लाइमेक्स में विजुअल ग्रॉफिक्स के जरिए जौहर के दृश्य को दी गई भव्यता कुछ लोगों ने पसंद किया, तो कुछ ने इसे जौहर का महिमामंडन करार देते हुए खारिज कर दिया। लेकिन शानदार अभिनय के लिए मिली प्रशंसा से अभिभूत दीपिका पादुकोण ने बेहद शालीनता के साथ कहा कि आलोचकों को बगैर सोचे-समझे फिल्म के केवल एक दृश्य को पकडक़र नहीं बैठ जाना चाहिए, क्योंकि वर्तमान में कोई भी समझदार व्यक्ति आत्म-बलिदान के कृत्य का समर्थन नहीं करेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फिल्म ‘पद्मावत’ के इस दृश्य में 13वीं शताब्दी की रानी पद्मावती (दीपिका) लाल रंग का जोड़ा पहने हजारों महिलाओं के साथ आग में कूदकर आत्म-बलिदान दे देती हैं। कुछ लोग इस दृश्य की जौहर या सतीप्रथा के महिमामंडन करने को लेकर आचोलना कर रहे हैं।
दीपिका कहती हैं, ‘‘मैं विभिन्न विचारों को लेकर बेहद खुली हुई हूं और मैं किसी चीज पर सहमति या असहमति के विकल्प को खुले तौर पर चुनती हूं। लेकिन इस फिल्म में बिना सोचे-समझे एक दृश्य पर विवाद करना जरूरी नहीं है। किसी भी चीज को समझने के लिए उसे पूरी तरह से समझा जाना चाहिए। इसे समझने के लिए पूरी फिल्म देखना जरूरी है और साथ ही इस तथ्य को स्वीकार कर कि उस समय भारत में इस तरह की प्रथाएं मौजूद थीं और इनका पालन किया जाता है, इसका सम्मान किया जाना चाहिए।
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