लखनऊ। भारत और पौलेंड के साझा प्रयासों से नो मीन्स नो फिल्म बनाने वाले फिल्ममेकर विकास वर्मा 22 मार्च को अपनी फिल्म रिलीज करने वाले थे, लेकिन अचानक से बढ़े कोविड संक्रमण के मामलों की वजह से उन्होंने अपना फैसला टाल दिया है। अब वह कहते हैं कि फिल्म तब तक रिलीज नहीं करूंगा, जब तक एक-एक व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लग जाती। उनका मानना है कि ओटीटी से ज्यादा लोग आज भी सिनेमा के दीवाने हैं। इसलिए ओटीटी पर फिल्म रिलीज करने का कोई तुक ही नहीं।
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आईएएनएस से विशेष बातचीत में विकास वर्मा ने बताया, यह फिल्म विंटर ओलंपिक विषय पर नहीं, बल्कि लव स्टोरी पर आधारित है। फिल्म का टीन एज हीरो स्कीइंग का खिलाड़ी है जो चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए पौलेंड जाता है। फिल्म में उस लड़के को एक लड़की से प्यार हो जाता है और उसके बाद होने वाली घटनाओं पर यह फिल्म बनी है। इस फिल्म को पौलेंड में काफी अच्छे से शूट किया गया है। किसी तरह के वीएफएक्स का प्रयोग नहीं किया गया। कलाकारों और पूरी प्रोडक्शन की टीम ने काफी मेहनत की है। -31 डिग्री तापमान में कैसे लोगों ने शूटिंग की, ये हम लोग ही जानते हैं।
विकास कहते हैं, विंटर ओलंपिक एक खास खेल है। हमारे यहां भी कश्मीर गुलमर्ग में स्कीइंग की काफी संभावनाएं हैं। आज एक दो साल का बच्चा भी स्कीइंग कर रहा है। इसे हमारे यहां शुरू होना ही चाहिए। उनकी फिल्म वल्र्ड क्लास की एक्शन फिल्म है। बॉलीवुड में लोगों को एक्शन काफी पसंद है। लंदन में तो इस फिल्म की तुलना जेम्स बॉन्ड सीरीज से कर रहे हैं। काफी प्यार और सराहना मिल रही है लोगों की अभी से।
विकास वर्मा कहते हैं कि यह इंडो पोलिश लव स्टोरी है। लव स्टोरी सभी देखना पसंद करते हैं। इसमें हरिहरन ने संगीत दिया है और श्रेया घोषाल ने गीत गाए हैं। शामक डावर की कोरियोग्राफी भी आपको देखने को मिलेगी। पौलेंड के वायलन बजाने वाले कलाकारों ने भी फिल्म को सपोर्ट किया है और उनका भी काम फिल्म में दिखेगा।
नो मीन्स नो फिल्म के टाइटल के बारे में विकास वर्मा बताते हैं कि यह महिलाओं से जुड़ा शब्द है। अब तक महिलाओं को अबला कहा गया, लेकिन अब नारी ऐसी नहीं है। फिल्म में कुछ हद तक यह भी संदेश है।
नए हीरो ध्रुव को रखने पर वर्मा कहते हैं कि यह एक टीनएज लव स्टोरी है। रिसर्च करने पर पता चला कि यह फिल्म 15 से 35 साल के लोगों के बीच ही काफी लोकप्रिय होगी। फेसबुक व अन्य माध्यमों से रिसर्च करके ही यह फिल्म बनाई गई है, युवाओं को देखते हुए, क्योंकि अगर आप देखें तो टाइटैनिक जैसी फिल्म भी भले ही जहाज पर बनी हो लेकिन उसका केंद्र बिंदु लव स्टोरी ही था।
फिल्म रिलीज के बारे पूछने पर विकास ने कहा, 22 मार्च को इसे रिलीज करने की तैयारी हो गई थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से रोक दी गई। पौलेंड में भारतीय राजदूत से बात की गई तो पता चला वहां बड़े प्रीमियर का इस समय कोई फायदा नहीं होगा। संक्रमण बढ़ने की आशंका से यह रोक दिया गया। पौलेंड की सरकार ने भी हमारा काफी सहयोग किया है। फिल्म में संजय दत्त और प्रीति जिंटा का भी सहयोग मिला है। गुलशन ग्रोवर जैसे कलाकार इतनी ठंड में भी शूटिंग करते रहे। वहां ठंड से बचने के लिए हम लोग तरह-तरह के इंतजाम कर रहे थे। एक जगह खड़े होना मुमकिन नहीं था तो उछल कूदकर इधर उधर चलकर शरीर में गर्मी ला रहे थे। मजबूरन हम लोगों को ठंड से बचने के लिए ब्रांडी तक पीनी पड़ी।
एक सवाल के जवाब में विकास वर्मा बताते हैं कि आज ओटीटी भले ही आगे चल रहा हो, लेकिन लोगों को पर्दे से प्यार है। लोगों के अंदर सिनेमा का जुनून आज भी देखा जा सकता है। हमने 70 एमएम स्क्रीन का जादू देखा है जो आज भी कायम है। हम लोग कोई वेबसीरीज नहीं बनाएंगे।
बालीवुड में नशे को लेकर आ रही खबरों पर उनका कहना है कि नारकोटिक्स वालों के पास सबूत हैं, तो वे कार्रवाई कर रहे हैं। जो कर रहे हैं वो सही है। नशे को खत्म होना ही चाहिए। वरना यह लोगों को बर्बाद कर देगा। (आईएएनएस)
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