अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने साधारण शक्ल-सूरत होने के बावजूद अपने शानदार अभिनय के बलबूते दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। लीक से हटकर बनने वाली फिल्मों में ज्यादा दिलचस्पी रखने वाले अभिनेता अपने गांव के ऐसे लोगों की कहानियां पर्दे पर उतारना चाहते हैं, जिन्होंने बढ़िया काम किया है, लेकिन उन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। अपनी अगली फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ के प्रचार के सिलसिले में दिल्ली आए नवाजुद्दीन ने आईएएनएस को अपने मन की बात बताई। बॉलीवुड में आजकल बायोपिक का दौर है। नवाजुद्दीन इन दिनों अभिनेत्री व निर्देशक नंदिता दास की आगामी फिल्म ‘मंटो’ में लेखक सआदत हसन मंटो का किरदार निभा रहे हैं। जब पूछा गया कि वह मंटो के अलावा और किन लोगों के जीवन को रुपहले पर्दे पर उतारना चाहते हैं, तो उन्होंने दोटूक कहा, मेरे गांव के कई लोगों ने अच्छे काम किए हैं, लेकिन उन्हें पहचान नहीं मिली। इसलिए उनके जीवन पर बनी फिल्म में काम करने की इच्छा है। मैं ऐसे लोगों के जीवन की अनकही और अनसुनी कहानियों को पर्दे पर उतारना चाहता हूं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अभिनेता ने बताया कि ‘बैंडिट क्वीन’ और ‘गांधी’ उनकी पसंदीदा बायोपिक फिल्में हैं। साल 1999 में फिल्म सरफरोश से अभिनय की दुनिया में आगाज करने वाले नवाजुद्दीन को अनुराग कश्यप की फिल्म ब्लैक फ्राइडे से पहचान मिली। इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय के लिए वह इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ लॉस एंजेलिस में ग्रैंड जूरी प्राइज से नवाजे गए।
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