राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बॉलीवुड अभिनेत्री कल्कि कोचलिन का कहना है कि हिंदी फिल्म जगत में कई बार उन्हें एक जैसे किरदार निभाने के प्रस्ताव मिलते रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि कोई कलाकार ही रूढ़ होती अपनी छवि को तोड़ सकता है। कल्कि ने कहा कि अपने किरदारों के लिए बनी स्थिर सोच को एक कलाकार ही सही पटकथा का चयन कर बदल सकता है।फिल्मजगत में कई कलाकारों को कुछ फिल्मों में निभाए एक-समान किरादारों के लिए एक कुछ वर्गो में विभाजित कर दिया जाता है और उनकी भूमिकाओं को लेकर लोगों की सोच स्थिर हो जाती है। [# इस मामले में शाहरुख़-अक्षय से आगे निकले..उनके बच्चे!] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
इस सोच को बदलने के बारे में अभिनेत्री ने आईएएनएस को दिए एक बयान में कहा, ‘मुझे हमेशा एक जैसे किरदारों के प्रस्ताव मिलते रहे हैं। ‘देव डी’ के बाद मुझे ऐसे ही कई किरदारों की पेशकश आई और ऐसा ही कुछ मेरे साथ ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ और ‘मर्गरीटा विद ए स्ट्रॉ’ के बाद हुआ।’
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