नई दिल्ली। महज तीन साल की उम्र में अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले तमिल फिल्मों की बड़ी हस्ती कमल हासन का कहना है कि वह उस जमाने से आते हैं, जब कलाकारों को लगता था कि सिनेमा एक परिकल्पना है और यह स्टूडियो द्वारा नहीं चलाया जाता था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बहुमुखी प्रतिभा के धनी कमल पटकथा लेखक, अभिनेता और निर्माता भी हैं। उन्होंने अपनी अगली फिल्म ‘विश्वरूप 2’ समते कई फिल्मों का निर्माण किया है।
दूसरों के साथ जिम्मेदारियां साझा करने के बजाय वह खुद ही इतने तरह के काम क्यों करते हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा इसलिए करता हूं, क्योंकि जब आप अपने दृष्टिकोण के मुताबिक काम करना चाहते हैं, तब चाहते हैं कि हूबहू वैसा ही काम हो, जैसा आपने सोच रखा है।...मैंने यह सब मेरे गुरुओं से सीखा है। इसमें मेरे मार्गदर्शक बालाचंदर भी शामिल हैं जिनके स्थान पर मैंने काम किया है। वह लिखते थे, वह निर्देशक थे और उन्हें मौका मिलता तो वह एक बेहतरीन अभिनेता हो सकते थे लेकिन दुर्भाग्यवश, उनकी ऐसा करने की इच्छा नहीं थी।’’
कमल ने एक ई-मेल साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, ‘‘अगर ऐसा हुआ होता तो मैं करीब उनकी 36 फिल्मों से बाहर हो गया होता। वह सभी किरदार निभा सकते थे।’’
कमल ने फिल्म निर्माता के साथ तमिल में‘मनमाथा लीलाई’ और हिंदी में ‘एक दूजे के लिए’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया था।
‘विश्वरूप 2’ वर्ष 2013 में आई ‘विश्वरूप’ की अगली कड़ी है।
फिल्म की अगली कड़ी को लेकर दबाव महसूस करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, लेकिन मैंने अगली कड़ी बनाने के बारे में काफी पहले सोचा था। उससे काफी पहले जब लोगों ने यह सोचा था कि मैं एक सनकी और ऐसा करने के लिए एक खतरनाक व्यक्ति हूं। मैं ‘एक दूजे के लिए’ का स्किवल बनाना चाहता था। उन्होंने (बालाचंदर) कहा कि तुम ‘एक दूजे के लिए’ के बाद कैसे फिल्म बना सकते हो? तो मैंने अपने बॉस, अपने मागदर्शक को कहानी सुनाई।’’
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