कहानी... ये भी पढ़ें - बॉलीवुड के रहस्य जो आज भी हैं एक पहेली!
फिल्म हिचकी नैना माथुर नाम की लडकी की कहानी है जिसे बार-बार हिचकी (टॉरेंट सिन्ड्रोम) आती है। नैना को बोलते समय काफी दिक्कत होती है। उनकी यह परेशानी के चलते उन्हें शिक्षिका की नौकरी भी काफी जद्दोजहद के बाद हासिल हो पाती है। नैना टीचर बनना चाहती है लेकिन उससे कहा जाता है कि टीचिंग में उसके लिए नौकरी मिलना असंभव है। काफी संघर्ष के बाद नैना माथुर (रानी मुखर्जी) को बस्ती के 14 बच्चों को पढाने की जिम्मेदारी मिलती है। इस फिल्म में नैना का सामना ऐसे स्टूडेंट से होता है जो उसके लिए काफी परेशानी खडी करते है। हालांकि पढाने के दौरान रानी के फिल्मी किरदार को कई मुश्किलों का सामना करना पडता है। बच्चे उनपर सट्टा खेलते हैं कि ये ‘हकली’ कब तक टिकेगी! लेकिन इन सब के बावजूद नैना माथुर अपनी मेहनत और लगन से बच्चों की जिंदगी को संवारती हैं।
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