मुंबई। फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2019 का खिताब जीतने वाली सुमन राव लैंगिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाना चाहती हैं। उनका कहना है कि जिंदगी में आगे बढऩे के लिए अंतिम नतीजे से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण जीतने की ख्वाहिश है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मिस इंडिया पेजेंट के परिणाम की घोषणा पिछले सप्ताह हुई थी। इस बात पर यकीन करने के लिए सुमन को थोड़ा वक्त लगा कि ताज को जीतकर उन्होंने अपने एक सपने को पूरा कर लिया है।
सुमन ने एक इंटरव्यू में आईएएनएस को बताया, ‘‘मेरे लिए प्रतियोगिता के शुरू होने से पहले जीतना जरूरी था और इस वजह से मैं उस दिशा में काम कर रही थी। मैं हमेशा से ही ध्यान केंद्रित करने वाली और निष्ठावान रही हूं। लेकिन, अब मैं जानती हूं कि जीत हासिल करने की इच्छा परिणाम से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यही मुझे फोकस बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है।’’
राजस्थान की 20 वर्षीय सुमन का लक्ष्य अपने समुदाय के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता पर बात को शुरू करना है।
सुमन ने कहा, ‘‘मैं लैंगिक समानता की आवाज बनना चाहती हूं। मैं एक ऐसे समुदाय से आती हूं जहां असमानता के चलते लड़कियों को कई सारी चीजों से होकर गुजरना पड़ता है। मैं लोगों में जागरूकता फैलाना चाहती हूं क्योंकि आजादी का मतलब समान अधिकार है।’’
चार्टर्ड एकांउटेंट की छात्रा और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की प्रशंसक सुमन ने कहा, ‘‘बात जब दुनिया के किसी भी हिस्से में लैंगिक असमानता की आती है तो इसका मुख्य कारण मानसिकता ही है जिसे बदलने की जरूरत है। एक बार जब दिमाग सही दिशा में चलने लगता है तो इसका प्रभाव समाज पर दिखने लगता है।’’
इसके साथ ही सुमन ने कहा कि वह खुद को खुशनसीब मानती हैं कि उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहां उनके माता-पिता ने उन्हें किसी भी किसी चीज को करने से नहीं रोका। वह जो भी करना चाहती थी उन्हें उस चीज को करने क ी आजादी थी।
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