मुंबई। जाने-माने अभिनेता के के मेनन का कहना है कि निकट भविष्य में भारत में प्रायोगिक फिल्मों के लिए दर्शक वर्ग तैयार करने के लिए युवकों में सिनेमा की साक्षरता बढ़ाने की जरूरत है। मेनन ने सुधीर मिश्रा, राम गोपाल वर्मा, मधुर भंडारकर व निशिकांत कामत जैसे फिल्म निर्माताओं के साथ काम किया है। अभिनेता का मानना है कि कुछ फिल्म निर्माता लगातार विषयों के साथ प्रयोग कर रहे हैं, जब तक एक स्थिर दर्शकों की संख्या इस तरह के कार्यों की प्रशंसा नहीं करती, तब तक गुणवत्ता युक्त सिनेमा वाणिज्यिक तौर पर जीवित नहीं रहेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मेनन ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘आम लोगों के बीच सिनेमा की साक्षरता लगभग नगण्य है। सिनेमा साक्षरता नहीं होने से वे सिनेमा की कला की प्रशंसा करने में विफल रहते हैं। हमें उन्हें दोष नहीं देना चाहिए क्योंकि साल दर साल वे सामग्री के तौर पर मानक से नीचे वाली फिल्में देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘युवा एक निश्चित आयु के बाद अच्छे सिनेमा के संपर्क में आते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस वजह से एक युवा मस्तिष्क के तौर पर यदि आप यह नहीं समझ रहे हैं कि एक विचार प्रधान फिल्म की किस तरह सराहना करनी है, तो बाद के समय में सिर्फ व्यावसायिक फिल्मों को देखकर आराम पा सकते हैं। नहीं, मैं इसके खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सोच में बदलाव लाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि स्कूल इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।’’ मेनन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि स्कूल स्तर से बच्चों को फिल्म देखने की कला सीखनी चाहिए, इससे एक समय के बाद हमारी विचार प्रधान फिल्मों को एक सतत दर्शक मिल सकते हैं।’’
2023 में शाहरुख खान ने मचाया दूसरी बार तहलका, वर्ल्डवाइड 1000 करोड़ के क्लब में शामिल 'जवान'
लालबागचा राजा मंदिर में भीड़ में पत्नी का हाथ थामे दिखे सोनू सूद, फराह खान और श्रेयस तलपड़े भी हुए स्पॉट
आशा भोसले से हुई बड़ी चूक, एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने की ज्योति याराजी को दे डाली बधाई!
Daily Horoscope