मुंबई। फिल्मफेयर अवार्ड-2018 में लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से नवाजी गईं अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री माला सिन्हा देर से मिले इस सम्मान को लेकर बहुत ज्यादा खुश नहीं हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
माला ने कहा, ‘‘क्या आप जानते हैं कि इससे पहले मैंने कभी भी फिल्मफेयर नहीं जीता? जब मेरा समय था, मैं कई बार नामित हुई थी। वास्तव में, मैं 1960 के दशक में लगभग हर साल नामित होती थी। लेकिन, किसी वजह से, जिसे मैं नहीं जानती, पुरस्कार हमेशा किसी अन्य अभिनेत्री को मिलता था।’’
उन्होंने बताया कि 1965 में ‘जहांआरा’ और ‘हिमालय की गोद में’ दो बेहद अलग किस्म का किरदार निभाने के लिए वह नामित हुई थीं।
माला सिन्हा ने कहा, ‘‘फिल्मफेयर के तत्कालीन संपादक बी. के. करंजिया ने मुझसे समारोह में आने के लिए कहा था क्योंकि दोनों फिल्मों में से किसी एक के लिए मेरे पुरस्कार जीतने की ज्यादा संभावना थी। समारोह के दिन मैं सुबह जल्दी उठी। कपड़ों वगैरह की तैयारियां कीं लेकिन जब शाम को पुरस्कार मिलने की बारी आई तो पुरस्कार फिल्म ‘संगम’ के लिए वैजयंतीमालाजी को मिल गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक और बार, एक और साल, करंजिया साहब ने मुझसे कहा कि फिल्म
‘बहूरानी’ के लिए मुझे फिल्मफेयर मिलने की संभावना है। लेकिन यह पुरस्कार
मीनाजी (मीनाकुमारी) को ‘साहिब बीबी और गुलाम’ के लिए मिल गया।’’
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