मुंबई। अभिनेता अनुपम खेर ने बॉलीवुड से हॉलीवुड तक काम किया है। दशकों तक सरवाइव करने का सीक्रेट बताते हुए उन्होंने कहा कि वह युवाओं के साथ ज्यादा से ज्यादा कनेक्ट रहते हैं। आईएएनएस से बात करते हुए, उन्होंने बताया कि मैं हमेशा अपने आप को नए लोगों में देखता हूं। यही कारण है कि मैं उन्हें समझता हूं। मैं उनके प्रति दयालु बनने की कोशिश करता हूं। मैं इस शहर में 3 जून, 1981 को आया था, 40 साल पहले। 80 के दशक की शुरूआत में एक समय आने के बाद जब मेरे आधे बाल इधर-उधर से निकल रहे थे, और मैं इतना पतला था कि मैं अपनी दोनों आंखों को एक ही कीहोल के माध्यम से देख सकता था! उस समय, सिनेमा में एक अभिनेता होने की हिम्मत नहीं थी।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वह कहते हैं कि उनका शुरूआती संघर्ष कठिन था, और उन्हें उम्मीद है कि किसी को भी इससे नहीं गुजरना पड़े।
वह याद करते हुए कहते हैं, " मैं नहीं चाहता किसी को भी ऐसे कठिन समय से गुजरना पड़े। ना ही किसी को रेलवे स्टेशन पर सोना पड़े,और ना ही भूखा रहना पड़े। लेकिन अब तो टीवी शोज, कास्टिंग ऑफिस और कास्टिंग डायरेक्टर जैसे कई सारे रास्ते है। मैं नहीं जानता पर पहले मुझसे तो कई लोग कहा करते थे कि तुम असिस्टेंट डायरेक्ट या राइटर क्यों नहीं बन जाते। एक एक्टर के रूप में तुम्हारें पास बाल नहीं हैं।"
खेर हाल ही में बाफ्टा ब्रेकथ्रू इंडिया इनिशिएटिव के लिए ज्यूरी पैनल में थे, जिन्होंने टेलीविजन, फिल्मों और गेम्स के 10 विजेताओं को चुना था।
पहल के बारे में बात करते हुए, वह कहते हैं यह टेलेंटिड इंडियन लोगों के बारे में है जिनको ये फेलोशिप और पुरस्कार मिले हैं। मुझे इस जूरी का हिस्सा होने पर बहुत गर्व, जिम्मेदार और अद्भुत महसूस हो रहा है। (आईएएनएस)
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