राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस बारे में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को नोटिस
जारी की है। इस नोटिस के मुताबिक महाराष्ट्र के बीड़ जिले की महिलाएं अपने
गर्भाशय को निकलवा रही हैं, सिर्फ इसलिए ताकी उनका काम प्रभावित ना हो और
वो मासिक धर्म पर लगने वाले जुर्माने से बच सकें। इस नोटिस में महिला आयोग
ने इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है ताकि महिलाएं
उत्पीडऩ से बच सके। ये भी पढ़ें - खुद को160बार कटवाया जहरीले सांपों से, क्यों!
यहां दो या तीन बच्चों के बाद महिलाएं अपना गर्भाशय
निकलवा देती हैं, ताकि उनका मासिक धर्म बंद हो जाए। यहां की महिलाओं का
मानना है कि मासिक धर्म की वजह से उनके काम पर असर पड़ता है और उन पर
जुर्माना भी लगता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के हाजीपुर में
गन्ने की फसल की कटाई महिलाएं मजदूर भी करती हैं। फसलों की कटाई के लिए
ठेकेदार बिना गर्भाशय वाली महिलाओं को ही रखते हैं। उनके अनुसार बिना
गर्भाशय वाली महिलाओं को मासिक धर्म नहीं होता इसलिए वो छट्टियां कम लेती
है। गन्ने की कटाई के लिए खेतों में जो पति पत्नी एक साथ काम करते हैं
उन्हें एक यूनिट माना जाता है, इसमें से अगर कोई भी छुट्टी लेता है तो
उन्हें ठेकेदार को 500 रुपए का जुर्माना चुकाना पड़ता है।
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