किन्नरों की होती है भगवान अरावन से शादी... ये भी पढ़ें - महिलाओं की शर्ट के बटन बाई तरफ ही क्यों!
तभी से ही ये प्रथा
चली आ रही है इस पर्व को किन्नर करीब 18 दिनों तक मनाते हैं और अरावन की
कोतांडवार के रूप में पूजा करते हैं। यहां सभी किन्नर सज-धज कर मोहिनी रूप
में तैयार होती हैं और भगवान अरावन को अपने पति के रूप में चुनती हैं, जहां
पंडित उन्हें एक धार्मिक रक्षा धागा बांधता है। महज एक दिन में किन्नर
भगवान अरावन से शादी रचाते हैं और प्रथा के मुताबिक अगले ही दिन अरावन की
मृत्यु के बाद सभी किन्नर विधवा हो जाते हैं।
विधवा ट्रॅान्स्जेंडर्स सफ़ेद
साड़ी पहन कर 10 दिनों तक लोगों की सेवा करते हैं। कुवागम का ये त्योहार
किन्नरों के लिए बहुत ही बड़ा पर्व माना जाता है और इस त्योहार को मनाने के
लिए किन्नर यहां दूर-दूर से आते हैं।
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