राजस्थान के जोधपुर को रावण का विवाह स्थल माना जाता है। यहां रावण और
मंदोदरी के विवाह स्थल पर रावण की चवरी नाम से एक छतरी मौजूद है। राजस्थान
के जोधपुर को रावण का विवाह स्थल माना जाता है। यहां रावण और मंदोदरी के
विवाह स्थल पर रावण की चवरी नाम से एक छतरी मौजूद है। ये भी पढ़ें - Pics: जब "बुलेटरानी" बनकर आई दुल्हन और...
हिमाचल
प्रदेश के कांगड़ा जिले में बैजनाथ कस्बा शिवनगरी के नाम से मशहूर है। यहां
के लोग रावण का पुतला जलाने को महापाप मानते हैं। मान्यता है कि रावण ने
कुछ साल बैजनाथ में भगवान शिव की तपस्या की थी। जिससे मोक्ष का वरदान पाया
था।
ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में दशहरे के दिन माहौल खुशहाल
नहीं बल्कि गमगीन रहता है। यहां के लोगों का मानना है कि रावण का जन्म इसी
गांव में हुआ था। ऐसे में यहां दशहरे के दिन लोग न तो पूजन करते हैं और ना
इस गांव में रामलीला का मंचन। यहां रावण का पुतला भी नहीं जलाया जाता।
बिसरख गांव में रहने वाले लोग प्राचीन समय से ही दशहरा नहीं मनाते हैं। कहा
जाता है कि इस गांव में लंकापति राजा रावण के पिता ऋषि विश्रवा रहते थे।
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