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यह जानकार हैरानी होगी कि बबिया के खाने का समय भी तय है। दोपहर की पूजा
के बाद बबिया चावल और गुड का बना प्रसाद खाता है। इस मामले में मंदिर
प्रशासन का कहना है कि पिछले 150 सालों से इस तालाब में मगरमच्छ दिख रहे
हैं, मगर एक बार में सिर्फ एक ही मगरमच्छ दिखाई देता है। ये भी पढ़ें - यह खास आलू खाओ और रहो जवान
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