इस पहाड़ी को लेकर यहां के लोगों के लिए बहुत आस्था है, उनका कहना है कि
इसपर चांद के आकार की आकृति बानी हुई है जो नवजात के ‘लिंग’ के बारे में
बताती है। जानकारी के लिए बता दें कि, इस पहाड़ी पर पत्थर मारकर इस बात की
जांच की जाती है। गर्भवती महिला एक निश्चित दूरी से पत्थर को इस पहाड़ी पर
बने चांद की ओर मारती है। ये भी पढ़ें - इस महिला ने की बिल्लियों से शादी, क्यों ...
अगर पत्थर चंद्रमा के आकार के ठीक बीच में जाकर
लगा तो लोग समझ जाते हैं कि गर्भ में लडक़ा है और अगर वह पत्थर चंद्रमा के
बाहर लगे तो मानते हैं कि गर्भ में पल रही नवजात लडक़ी है।
गर्भ में पल रहे
शिशु का ‘लिंग’ पता करने का तरीका कोई भी हो लेकिन आज के दौर में उसे बैन
कर देना ही अच्छा होता है। हालांकि यहां यह सिलसिला आज भी जारी है।
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