पुलिस के किससे और उनसे जुड़ी कहानी तो आपने कई बार सुनी होगी। लेकिन बिहार की एक ऐसी खबर आई है। जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। जी हां बिहार में पुलिस अब मुर्दों के भी पीछे पड़ गई है। वे नहीं मिले तो उनकी आत्मा को पकड़ने की भी कोशिश में पीछे नहीं हटती। ऐसा हम नहीं, पुलिस की फाइल कह रही है। मामला वर्ष 2007 में गायघाट में हुई सेविका, सहायिका की बहाली का है। उसमें हुई अनियमितता की जांच में विभाग ने 10 साल लग गया है। आंगनबाड़ी सेविका के चयन में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई में विभाग को पूरे 10 साल लग गए। अब विभाग की नींद खुली है, जब दोषी सीडीपीओ की मौत चुकी है तो पर्यवेक्षिका रिटायर्ड हो गई हैं। मामला गायघाट प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायतराज बरूआरी के आंगनबाड़ी केंद्र-172 में सेविका चयन का है। अब सीडीपीओ, पर्यवेक्षिका, अंचल अधिकारी, कर्मी व बहाली से जुड़े सभी अधिकारियों पर एफआइआर होनी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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