पिछले साल बनाया गया है रावण का भव्य मंदिर ये भी पढ़ें - यह बच्चा धीरे धीरे बनता जा रहा है पत्थर!
बता दें
कि यह मंदिर बांस की लकड़ी और घांस-फूंस से बनाया गया है, इसी मंदिर में
रावण की बड़ी तस्वीर रखी गई है, जिसके सामने हमेशा ज्योत जलती रहती है। रावण
को अपना पूर्वज व आराध्य मानकर गांव के लोग उसकी पूजा- अर्जना करते हैं।
रावण के अनुयायी का कहना है कि रावण एक महान विद्वान, महापराक्रमी,
महासाम्राज्य, दयालु राजा था। यह राम-रावण युद्ध को आर्यन और द्रविण का
युद्ध मानते हैं। रावण को वह अपने पूर्वज मानकर उसकी पूजा- पाठ करते है।
वहां
के युवा बताते हैं कि पहले हमे रावण के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। अब
हमारे बुजुर्ग लोग बताते हैं कि यह हमारे पूर्वज हैं। इस धरती में इनका
अच्छा राज चला है इसलिए इन्हें अपना आराध्य मानकर इनकी पूजा कर रहे हैं।
महाराज रावण बहुत महान था। वो इतना प्रतापी था उसे सब चीजो का ज्ञान था। वो
इतना बलशाली था कि उसके चलने से धरती हिलने लगती थी। पिछले साल से यहां
मंदिर बनाकर रावण की पूजा शुरू की गई है जिसमे बड़ी संख्या में आदिवासी समाज
के लोग शामिल होते हैं।
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