बता दें कि एक
अपार्टमेंट में केवल दो ही टॉयलेट होते हैं, जिसके कारण से लोगों को काफी
परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं इन पिंजरों की साइज निर्धारित
होती है। इनमें से कोई पिंजरा छोटे केबिन के बराबर होता है, तो कोई पिंजरा
ताबूत के आकार का होता है। सोसाइटी फॉर कम्युनिटी आर्गनाइजेशन के मुताबिक,
हांगकांग में फिलहाल इस तरह के घरों में लगभग एक लाख लोग रह रहे हैं।
दरअसल, पिंजरों में रहने वाले ये लोग बेहद गरीब हैं जो महंगे घरों को
खरीदने में असमर्थ हैं। जिसकी वजह से यहां के लोग जानवरों की तरह जिंदगी
जाने को मजबूर है। ये भी पढ़ें - एक बार फिर तैयार है टाइटैनिक, जानिए कैसे
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