बताया जाता है कि 14वीं शताब्दी में तत्कालीन दरभंगा महाराज ने इसकी शुरुआत कराई थी। 22 बीघा क्षेत्र में लोग एक उद्देश्य लेकर आते थे। मिथिला लोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉक्टर बीरबल झा का कहना है कि उस जमाने में शादी के लिए आने वाले दूल्हों का शास्त्रार्थ होता था और लड़की वाले पसंद के लड़कों को ले जाते थे और तब शादी होती थी। अब के दौर में लड़के की शिक्षा और नौकरी पर ज्यादा फोकस रहता है। इस बार 25 जून से 3 जुलाई तक यह सभा होगी। पहले यहां लाखों लोग यहां आते थे, लेकिन समय के साथ तमाम संसाधनों के डवलप होने से यहां आने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी हुई है। ये भी पढ़ें - क्या आपको पता है मोदी का ये Secret!
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