यूक्रेन के 18 से 26 साल के हर शख्स को सेना में सेवा
देना अनिवार्य है। विन्नित्सा शहर निवासी अलेक्जेंडर को भी साल 2017 में इस
संबंध में सेना से चिट्ठी मिली। वहां हर युवा को सेना में एक साल तक समय
बिताना होता है। अलेक्जेंडर ने तय किया कि उन्हें यह सेवा नहीं देनी है और
इसके लिए उसने नियमों का फायदा उठाने का फैसला किया। ये भी पढ़ें - ये ऎप बताएगा क्यों रो रहा है आपका बच्चा
नियमों के अनुसार,
मिलिट्री सर्विस से उन्हीं लोगों को छुट्टी मिलती है, जिनके ऊपर किसी
दिव्यांग के देखभाल की जिम्मेदारी हो। अलेक्जेंडर ने इसी नियम का फायदा
उठाने का सोचा और अपनी चचेरी बहन की दादी जिनायडा के सामने शादी का
प्रस्ताव रख दिया। सभी को चौंकाते हुए उसने उन्हें मना भी लिया। अब सभी
कयास लगा रहे हैं कि 26 साल का होते ही अलेक्जेंडर जिनायडा को तलाक दे
देगा।
साल 2018 में पहली बार यह मामला तब सामने आया था, जब मिलिट्री
कमिश्नर ऑफिस से कोर्ट में इस शादी को रद्द करने की याचिका दायर की गई थी।
सेना के अनुसार, अलेक्जेंडर ने जो दस्तावेज दिखाए, वो फर्जी हैं। लेकिन
जांच में यह पाया गया कि इस दंपति ने पास के गांव में शादी की थी। सितंबर
2019 में ये मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया, जब सिविल एक्ट
रजिस्ट्रेशन ऑफिस ने शादी को कानूनी करार दिया और सेना को पीछे हटना पड़ा।
मीडिया ने सेना के प्रतिनिधियों से पूछा कि आगे अलेक्जेंडर जैसा मामला न
हो, इसके लिए मिलिट्री नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं?
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