फांसी के दिन कैदी सुबह 5 बजे उठाया जाता है। इसके बाद उसको चाय दी
जाती है। उसकी इच्छा अनुसार उसे धर्म ग्रंथ पढ़ने के लिए दिया जाता है।
उससे पहले उसकी अंतिम इच्छा पूछी जाती है। फांसी के दौरान वहां मौजूद सभी
अधिकारियों को अपनी आंखें बंद करनी पड़ती है। करीब एक मिनट बाद फंदे को
ढीला कर शरीर को 15 फीट नीचे छोटे से तालाब में गिरा दिया जाता है उसके बाद
डॉक्टर शव की जांच कर मौत की पुष्टि करता है। ये भी पढ़ें - संबंध बनाते बुजुर्ग की मौत,सर्जरी से किया अलग
उसके बाद शव का
पोस्टमार्टम किया जाता है और फिर अगर जेल सुपरिटेंडेट को ये लगे कि मरने
वाले के शव और उसकी चीजों का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा तो वो शव उसके
परिजनों को सौंप देते हैं।
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