वीडियो में स्पष्ट है कि दोषियों के खिलाफ आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया।
सूत्रों का कहना है कि इस पंचायत में न्यायाधीश और पुलिस भी समाज के ही लोग
होते हैं, तथा दोषी भी समाज के ही लोग होते हैं। यही कारण है कि इस अदालत
की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है। ये भी पढ़ें - सेल्फ़ी का ऎसा पागलपन देख दंग रह जाएंगे...
समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक
विकास वम्र्मन ने सोमवार को बताया कि ऐसी घटना की जानकारी पुलिस को भी
मिली है, लेकिन किसी प्रकार की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंची है। उन्होंने
कहा कि अगर कोई भुक्तभोगी शिकायत करता है, तो दोषियों पर जरूर कार्रवाई की
जाएगी। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
वायरल
वीडियो में एक व्यक्ति कहता दिख रहा है, "हमारा समाज कानून की इज्जत करता
है। पंचायत में मानवाधिकार का हनन नहीं होता है। समाज के लोग आपस में बैठक
कर मामलों का समाधान अपने स्तर पर खोज लेते हैं।"
सूत्रों से पता चला है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति कुररियाड़ समाज का प्रमुख है। वीडियो
के वायरल होने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
प्रेमचंद्र मिश्रा ने ऐसी घटना की निंदा करते हुए कहा कि नीतीश सरकार इसी
'सुशासन' का दम भरती है। उन्होंने कहा कि कानून को धता बताते हुए खुलेआम
पंचायत लगाकर सजा दी जा रही है। यह कैसा सुशासन है?
बिहार के संसदीय
कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस इस
मामले को देख रही है और जांच कर रही है। कोई भी सभ्य समाज ऐसी घटनाओं को
सही नहीं ठहरा सकता।
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