हाल ही में
भारत की बड़े-बड़े समाचार चैनलों और अखबारों में एक खबर ने सबकों हैरान कर
दिया कि भगवान बीमार है। लेकिन क्या कभी भगवान भी बीमार पड़ते है। क्या
उन्हें भी किसी वैद या काढ़े की जरुरत होती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आप कहेंगे नही, लेकिन
लीलाधर और उनके भक्त उनकी लीलाओ की याद में कई ऐसी परंपराए बना देते है जो
भक्त और भगवान के रिश्ते के समर्पण के भाव पेश करती है। हर साल जगन्नाथ जी
का बीमार हो जाना ऐसी ही एक परंपरा है, आइए जानते है।
भगवान जगन्नाथ का बीमार होना...
उड़ीसा प्रान्त में जगन्नाथ पूरी
मंदिर के पास एक भक्त रहते थे, उनका नाम श्री माधव दास था। वे संसार से
विरक्त होकर प्रभु जगन्नाथ जी को ही अपना सर्वशय समझते थे।
अकेले बैठे
बैठे भजन किया करते थे, नित्य प्रति प्रभु जगन्नाथ का दर्शन करते थे और
उन्ही को अपना सखा मानते थे, प्रभु के साथ खेलते थे।
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