एक साल की सजा हो सकती है... ये भी पढ़ें - किंग कोबरा को नचाता है अपने इशारों पर, 3000 बार काट चुके हैं सांप
वही मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष
मल्होत्रा ने कहा कि यह डॉक्टर जिस तरीके का इस्तेमाल कर रहा है, उसका कोई
ब्योरा चिकित्सा विज्ञान में या स्वीकृत तौर तरीकों में नहीं है। वहीं
भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम के तहत उसे एक साल की सजा भी हो सकती है।
अदालत के मुताबिक यह भी स्पष्ट हो रहा है कि गुप्ता के प्रैक्टिस पर रोक
लगने के बाद भी वह बाज नहीं आ रहा। अदालत ने डीएमसी द्वारा गुप्ता के खिलाफ
उस शिकायत पर भी ध्यान दिया, जिसमें कहा गया है कि वह उपचार प्रदान करने
के लिए हार्मोनल और झटके वाली थेरेपी का उपयोग कर रहा है।
अगर अदालत की
माने तो गुप्ता 15 मिनट की काउंसलिंग के लिए 4,500 रुपए तक वसूलता है। और
उसके बाद ही वह हार्मोन या मनोवैज्ञानिक तरीके से इलाज करता है। जब डीएमसी
ने डॉक्टर को नोटिस जारी किया तो उसने कहा कि वह किसी परिषद से पंजीकृत
नहीं है, और यही कारण है की वह इसका जवाब देने के लिए जिम्मेदार नहीं है।
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