कबूतरों के इस जोड़े का क्या है रहस्य... ये भी पढ़ें - जानिए क्यों ये आदमी 25 सालों से खा रहा है मिट्टी
पुराणों
में वर्णित एक कथा के अनुसार माता पार्वती जब एक बार भगवान शिव के पास गई
तब उन्होनें इनके कंठ में धारण किये हुये नरमुंड माला के पहनने के बारें
में पूछा। तब इस पर भगवान शिव ने जवाब दिया- ‘यह माला मैने तुम्हारे जन्म
से पहले से धारण की हुई है।’ इसके बाद माता पार्वती ने भगवान शिव से उनके
अमर होने का रहस्य पूछा। माता पार्वती ने पूछा कि वो आखिरकार क्यों बार-बार
मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं और कई बड़ी कठोर तपस्या को करने के बाद
आपका साथ उन्हें प्राप्त होता है जबकि आप अमर रहते हैं आखिर कैसे?
पार्वती
के इस प्रश्न को सुन भगवान शिव शांत हो गए। और बात को टालने की कोशिश करने
लगे। लेकिन माता पार्वती के द्वारा बार बार हट करने के बाद आखिरकार
उन्होनें महादेव को अपने प्रश्न के जवाब देने के लिए मना ही लिया। भगवान
शिव ने कहा कि वे अमरत्व की कहानी उन्हें जरूर सुनाएंगे। इसके बाद शिव एक
ऐसे स्थान की खोज में लग गए जहां पर उनके रहस्य को जानने या सुनने वाला कोई
ना हो। आखिरकार भगवान शिव को एक गुफा मिल गई जो उन्हें कथा सुनाने के लिए
सही लगी।
कहा जाता है कि भगवान शिव जब पार्वती के साथ उस गुफा की ओर
जा रहे थे तब उन्होंने अपने शरीर में धारण किये हुये जीव जंतुओं को छोड़
दिया था। अपनी सवारी नंदी को पहलगाम में छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी
जटाओं से चंद्रमा को भी निकालकर चंदनवाड़ी में अलग कर दिया। यही नहीं
उन्होंने कंठ पर विराजमान सर्पों को भी शेषवाग झील के पास और अपने पुत्र
भगवान गणेश को महागुणास पर्वत और पंजतरणी पर छोड़ दिया। इसके बाद भगवान शिव
ने पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश) का भी त्याग कर दिया।
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