शिमला। हिंदी फिल्म ‘कर्मा’ तथा ‘दो आंखें बारह हाथ’ में दोषियों को जेल से
निकालकर उन्हें सुधारा जाता है। अब शिमला में एक कैफे में कुकीज तथा
पिज्जा परोसने के लिए कैदियों को एक नामी होटल ने प्रशिक्षित किया है। बुक
कैफे नामक कैफे में 40 लोगों के बैठने की जगह है और इसे 20 लाख रुपये की
लागत से बनाया गया है, जिसका उद्घाटन पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री वीरभद्र
सिंह ने किया। यह रिज के ऊपर स्थित है और प्रसिद्ध जाखू मंदिर के रास्ते
में पड़ता है।
महानिदेशक (कारा) सोमेश गोयल ने कहा कि कैफे को चार
लोग -जयचंद, योगराज, रामलाल तथा राजकुमार- संचालित कर रहे हैं, जो शिमला के
निकट कायथू जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। देश में अपनी तरह
का यह पहला कैफे है, जिसका वित्तपोषण राज्य का पर्यटन विभाग कर रहा है। यह
सुबह 10 बजे से लेकर रात नौ बजे तक खुला रहता है। रात में कैदी जेल लौट
जाते हैं।
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