औरंगाबाद में आकर रिचर्ड ने काशीनाथ गवली और उनकी दुकान की तलाश शुरू की।
30 साल में औरंगाबाद शहर काफी बदला था, लेकिन उसने काशीनाथ को ढूंढकर
निकाला। पहले काशीनाथ रिचर्ड को भूल चुके थे, लेकिन रिचर्ड ने उन्हें याद
दिलाया। ये भी पढ़ें - महिलाओं की शर्ट के बटन बाई तरफ ही क्यों!
उनके 200 रुपए के बदले 19 हजार रुपए वापस किए। काशीनाथ पैसा नहीं
ले रहे थे, लेकिन रिचर्ड ने कहा यह सिर्फ पैसे की बात नहीं है। अंजान देश
में उसे जो प्यार मिला उसकी कोई कीमत नहीं।
रिचर्ड ने बताया कि जब
वह काशीनाथ के दुकान में आता था तब कई बार उसके पास खाने के पैसे भी नहीं
रहते थे। तब काशीनाथ बड़ी आत्मीयता से सामान देते। कभी पैसे वापस नही
मांगे। उनसे जो प्यार मिला वह पैसे से चुका नहीं सकता। काशीनाथ और रिचर्ड
दोनों की आंखो में आंसू थे।
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