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नई दिल्ली। कुछ प्रमुख भारतीय व विदेशी कंपनियों के शहद में एंटीबायोटिक्स की उच्च मात्रा स्वास्थ्य के लिए ब़डी परेशानियां ख़डी कर सकती है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) ने बुधवार को जारी किए गए एक अध्ययन में यह बात कही। सीएसई की प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला ने अपने अध्ययन में पाया है कि डाबर, बैद्यनाथ, पातंजलि आयुर्वेद, खादी और हिमालया जैसी कंपनियों के उत्पादों में दो से चार एंटीबायोटिक होते हैं, जो निर्धारित मानकों से बहुत ज्यादा हैं। अध्ययन में खुलासा हुआ है कि आस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड की दो विदेशी कंपनियों के उत्पादों में भी एंटीबायोटिक्स की उच्चा मात्रा है और उन देशों में इन उत्पादों की बिक्री अवैध है लेकिन यहां ध़डल्ले से इन्हें बेचा जा रहा है। सीएसई के एक अधिकारी ने कहा, ""ता”ाुब की बात है कि भारत बाहर भेजे जाने वाले शहद में एंटीबायोटिक्स की मात्रा नियंत्रित करता है लेकिन घरेलू इस्तेमाल के शहद के लिए यह सावधानी नहीं बरती जाती।"" इससे पहले प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला ने कोला में कीटनाशकों और जहरीले रसायनों से बने खिलौनों की जांच की थी।
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