नई दिल्ली। प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) के तीसरे सीजन में मंगलवार की शाम भारतीय महिला कुश्ती की सबसे सफलतम शामों में से एक रही और इसमें पूजा ढांडा ने खास भूमिका निभाई। एक जीत ने भारतीय महिला कुश्ती के नाम एक सुनहरा अध्याय जोड़ दिया। मौजूदा चैम्पियन पंजाब रॉयल्स की टीम को हरियाणा हैमर्स पर जीत दिलाने में पूजा ढांडा के बेहतरीन प्रदर्शन की अहम भूमिका रही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूजा ने हरियाणा की टीम में शामिल ओलम्पिक व विश्व चैम्पियन हेलेन मारोलिस को हराकर एक बड़ी जीत हासिल की। महिलाओं की 57 किलोग्राम भारवर्ग में खेल रहीं पूजा की हर तरफ सराहना हो रही है। उन्हें लगातार बधाई संदेश मिल रहे हैं। पूजा ने एक खास बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक जूडो खिलाड़ी के रूप में की थी। 2010 के यूथ ओलम्पिक के रेसलिंग इवेंट में रजत पदक जीतने वाली पूजा 2009 में एक जूडो खिलाड़ी के तौर पर यूथ एशियन चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण सहित तीन अंतर्राष्ट्रीय पदक जीत भी चुकी थीं।
लेकिन, इसके बाद पूर्व रेसलर और कोच कृपाशंकर विश्नोई ने पूजा को रेसलिंग में आने की सलाह दी। कृपाशंकर ने कहा कि पूजा के बॉडी शेप को ध्यान में रखकर उन्होंने उसके माता-पिता को उसे जूडो से हटाकर कुश्ती में लाने की सलाह दी थी। सवाल जब सफलता के पीछे के हाथ के बारे में हुआ तो पूजा की आंखों से अपने पापा के लिए प्यार छलक आता है।
उन्होंने कहा, अगर मेरे पापा ना होते तो आज मैं यहां ना होती। मेरे पापा ने मुझे हद से ज्यादा समर्थन दिया। आज भी मैं जहां भी जाती हूं वो मेरे साथ होते हैं। शिविर में मेरे से ज्यादा मेरे पापा सबको दिख जाते हैं। पूजा ने अपने करियर की शुरुआत सुभाष चंद्र सोनी की कोचिंग में की जिन्होंने उनके फुट मूवमेंट पर बहुत काम किया।
अभिषेक शर्मा ने 63 रनों की तूफानी पारी का श्रेय अपने माता-पिता की मौजूदगी को दिया
ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट में देश की दिग्गज टीमें होंगी आमने-सामने
IPL में व्यूअरशिप का रिकॉर्ड टूटा, ओपनिंग डे पर 16.8 करोड़ का आंकड़ा दर्ज
Daily Horoscope