भुवनेश्वर। भारतीय हॉकी टीम ने अपने अच्छे डिफेंस के दम पर रविवार को हॉकी वल्र्ड लीग फाइनल्स में जर्मनी को रोमांचक मैच में मात देकर कांस्य पदक अपने नाम किया। जर्मनी की टीम में उसके कई खास अनुभवी खिलाड़ी नहीं थे, इसके बावजूद टीम ने कड़ी टक्कर दी। हालत यह हुई कि उसे अपने एक गोलकीपर को बतौर स्ट्राइकर खिलाना पड़ा। बताया गया है कि खिलाड़ी अस्वस्थ होने के कारण मैच नहीं खेल सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कलिंगा स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारत ने जर्मनी को 2-1 से मात दी। भारत ने इस टूर्नामेंट में लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीता। भारत ने इससे पहले 2014-15 सीजन में इस टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था। जर्मनी टीम के गोलकीपर एपल मार्क इस मैच में पांच खिलाडिय़ों की अनुपस्थिति में स्ट्राइकर की भूमिका में उतरे और टीम के लिए 36वें मिनट में एकमात्र गोल किया।
भारत के लिए इस मैच में एस.वी. सुनील (20वें मिनट) और हरमनप्रीत सिंह (45वें मिनट) ने गोल किया। मैच में गोलकीपर सूरज कारकेरा का प्रदर्शन सराहनीय रहा। पहले क्वार्टर में जर्मनी की टीम गोल दागने में नाकाम रही। 14वें मिनट में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागने का अवसर मिला था, जिसे असफल करने में भारत कामयाब रहा।
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