दूसरे क्वार्टर में 21वें मिनट में एस.वी. सुनील ने आकाशदीप से मिले पास को
जर्मनी के नेट में पहुंचाया और भारत को 1-0 से बढ़त दी। जर्मनी ने तीसरे
क्वार्टर में अच्छा खेल दिखाया। 36वें मिनट में मार्क एपेल ने गोल किया और
स्कोर 1-1 से बराबर कर लिया। भारतीय टीम को इस बीच गोल दागने के अवसर मिले
थे, लेकिन जर्मनी के गोलकीपर ने भारत को सफलता हासिल नहीं करने दी। भारतीय
टीम को 54वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर हासिल हुआ। ये भी पढ़ें - भारत के खिलाफ इस मामले में नं.1 बल्लेबाज हैं जॉर्ज बेली, ये हैं टॉप...
हरमनप्रीत ने कोई चूक न
करते हुए बॉल सीधे जर्मनी के गोल पोस्ट तक पहुंचाई और 2-1 भारतीय टीम को
बढ़त दी। जर्मनी को 56वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करने का अवसर
मिला था, लेकिन टीम इसमें असफल रही और भारत ने 2-1 से जीत हासिल की। इस जीत
के साथ ही भारतीय टीम ने हॉकी वल्र्ड लीग फाइनल्स का कांस्य पदक अपने नाम
कर लिया।
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