कोलकाता | विश्व फुटबाल की नियामक संस्था फीफा ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता उसके अंडर-17 फुटबाल विश्व कप की मेजबानी के रास्ते में रोड़ा नहीं बनेगा। लेकिन, यह जरूर है कि दीपावली के बाद प्रदूषण के बेहद खराब होने होने के मद्देनजर सावधानी बरतना जरूरी है। दीपावली के समय दिल्ली में होने वाले प्रदूषण की वजह से विश्व कप मैचों को लेकर सवाल खड़े हुए थे। दीपावली पर पटाखों से काफी प्रदूषण होता है और इस साल दीपावली 19 अक्टूबर को है। उस वक्त विश्व कप चल रहा होगा। [ ये है भारत और ऑस्ट्रेलिया के 5-5 टॉप बल्लेबाजों का रिपोर्ट कार्ड] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
टूर्नामेंट के निदेशक जेवियर सेप्पी ने कहा कि दिल्ली द्वारा टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं करने का कोई सवाल ही नहीं है।
उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि दीपावली के बाद हवा की गुणवत्ता को लेकर चिंता है लेकिन इसका दिल्ली में मैचों की मेजबानी से कोई लेना-देना नहीं है। हमें अब सिर्फ इस बात को देखना है कि दीपावली के बाद हमें किन मुद्दों पर ध्यान देना है।
सेप्पी ने साथ ही कहा कि विश्व कप की मेजबानी करने वाला यहां का साल्ट लेक स्टेडियम फीफा के प्रतिनिधि मंडल के मार्च अंत में होने वाले अगले निरिक्षण तक 90 फीसदी तक तैयार हो जाएगा।
सेप्पी ने स्टेडियम के निरीक्षण के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, स्टेडियम की प्रगति से मैं बेहद प्रभावित हूं।
उन्होंने कहा, हमें इस बात को समझना होगा कि स्टेडियम काफी बड़ा है इसलिए यहां काम खत्म होने में समय लगेगा। लेकिन पिछले तीन सप्ताह से अभी तक हमने जिस तरह की प्रगति काम में देखी है, वह संतोषजनक है।
सेप्पी ने कहा, हर चीज सही चल रही है। स्टेडियम की लंबाई चौड़ाई के कारण यह संभव नहीं था कि 31 जनवरी तक काम खत्म किया जा सके। स्टेडियम विश्व कप से पहले तैयार हो जाएगा। मार्च में फीफा के अगले निरिक्षण तक हम 90-95 फीसदी काम खत्म कर देंगे।
राज्य के खेल मंत्री अरूप विस्वास ने कहा था कि 31 जनवरी तक स्टेडियम का काम खत्म हो जाएगा।
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