नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने महान ऑलराउंडर कपिल देव की कप्तानी में वर्ष 1983 में पहली बार वनडे विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। इसके 20 साल बाद वर्ष 2003 में भारत दूसरी दफा फाइनल में पहुंचने में सफल रहा, लेकिन यहां उसे हार का मुंह देखना पड़ा। जी हां, ठीक 14 साल पहले आज ही के दिन यानी 23 मार्च को जोहानसबर्ग में खिताबी मुकाबले में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने थीं।
एकतरफा साबित हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रन से रौंद दिया। भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 359 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
कप्तान रिकी पोंटिंग 121 गेंदों पर चार चौकों व आठ छक्कों की मदद से 140 और डेमियन मार्टिन 84 गेंदों पर सात चौकों व एक छक्के की मदद से 88 रन बनाकर नाबाद लौटे। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 234 रन की साझेदारी की। विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने 57 और मैथ्यू हेडन ने 37 रन की पारी खेली। भारत के लिए दोनों विकेट हरभजन सिंह ने झटके।
अभिषेक शर्मा ने 63 रनों की तूफानी पारी का श्रेय अपने माता-पिता की मौजूदगी को दिया
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