चेन्नई। भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी (77) और युवा बल्लेबाज हार्दिक पांड्या (83) की आतिशी पारी के दम पर गहरे संकट से उबरते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे पहले वनडे मैच में रविवार को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक खड़ा किया। एम. चिदंबरम स्टेडियम में खेले जा रहे इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पूरे 50 ओवर खेलने के बाद सात विकेट के नुकसान पर 281 रन बनाए। लेकिन, बारिश के कारण मैच में हुई देरी के बाद भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को 164 रन का लक्ष्य मिला। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 21 ओवर में 164 रन बनाने है।
इससे पहले धोनी और पांड्या ने टीम को उस समय मदद दी जब भारतीय टीम ने अपने पांच विकेट सौ रनों से पहले ही खो दिए थे। इन दोनों ने छठे विकेट के लिए 118 रनों की साझेदारी की। मेजबान कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। लेकिन मेहमान टीम के तेज गेंदबाज नाथन कल्टर नाइल ने 13 रनों पर भारत के तीन विकेट लेकर उसे बैकफुट पर पहुंचा दिया।
नाइल ने पहले अजिंक्या रहाणे (5) को विकेट के पीछे मैथ्यू वेड के हाथों कैच कराया। अगला ओवर मेडेन गया और छठवें ओवर की पहली गेंद पर नाइल की गेंद पर ग्लैन मैक्सवेल ने कोहली का शानदार कैच पकड़ा। भारतीय स्टार बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल पाया। मनीष पांडे का अंजाम यही हुआ। वह भी 11 के कुल स्कोर पर बिना खाता खोले पवेलियन लौटे। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (28) और केदार जाधव (40) ने फिर मोर्चा संभाला।
दोनों रंग में आ रहे थे और मेहमान गेंदबाजों का अच्छा स्वागत कर रहे थे। तभी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ ने गेंदबाजी में बदलाव किया और मार्कस स्टोइनिस को लाए। स्टोइनिस की दो शॉर्ट पिच गेंदों ने रोहित और जाधव को पवेलियन भेज दिया। यह दोनों बल्लेबाज गलत शॉट खेल कर आउट हुए। रोहित का कैच डीप मिडविकेट पर नाइल ने लपका जबकि जाधव को शॉर्ट मिडविकेट पर हिल्टन कार्टराइट ने कैच किया।
भारत ने 87 के कुल स्कोर पर पांच विकेट खो दिए थे। यहां से ऐसी परिस्थितयों के आदि हो चुके धोनी ने अपनी जिम्मेदारी संभाली। धोनी ने जैसे ही मैदान पर कदम रखा चेन्नई के दर्शकों ने उनका नाम लेकर जोरदार स्वागत किया। उन्होंने, पांड्या के साथ मिलकर पहले विकेट पर पैर जमाए। दोनों ने सूझबूझ से खेल खेला। आतिशी बल्लेबाजी के मशहूर पांड्या भी एक-एक रन के लिए खेल रहे थे।
37वें ओवर में पांड्या ने अचानक से गियर बदला और लेग स्पिनर एडम जाम्पा के एक ओवर में तीन छक्के और एक चौके की मदद से 24 रन बटोरते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया। पांड्या ने इस औवर में तीन लगातार छक्के लगाए। वह अपने अभी तक के करियर में ऐसा चौथी बार कर चुके है। इस बीच धोनी शांत थे और पांड्या अपने रंग में आ चुक थे। धोनी दूसरे छोर से उन्हें लगातार स्ट्राइक देते रहे और पांड्या रन बनाते रहे।
पांड्या ने खासकर जाम्पा को अपना निशान बनाया लेकिन उनकी पारी का अंत भी इसी लेग स्पिनर ने किया। जाम्पा को एक और बार सीमारेखा के पार भेजने के प्रयास में गेंद ने बल्ले का ऊपरी किनारा लिया और सीधे शॉर्टथर्डमैन पर खड़े जेम्स फॉल्कनर के हाथों में गई। अपनी पारी में 66 गेंदों में पांच छक्के और इतने ही चौके मारने वाले पांड्या का विकेट 205 के स्कोर पर गिरा, लेकिन इससे आस्ट्रेलियाई टीम को फायदा नहीं मिला क्योंकि धोनी ने अपना असली रूप अख्तियार कर लिया था। अंतिम ओवरों में उन्होंने लंबे-लंबे शॉट्स लगाए।
उनकी आईपीएल टीम के दर्शक इसका पूरा लुत्फ उठा रहे थे। धोनी को 30 गेंदों में पांच चौकों की मदद से 32 रन बनाने वाले भुवनेश्वर कुमार का साथ मिला और दोनों ने सातवें विकेट के लिए 72 रनों जोड़े। धोनी आखिरी ओवर में वार्नर के हाथों लपके गए। उन्होंने 88 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और दो छक्के लगाए। भारत ने आखिरी पांच ओवरों में 53 रन बनाए। इस मैच में नाइल की ओर से लिए गए सबसे अधिक तीन विकेट के अलावा, ऑस्ट्रेलिया के लिए स्टोइनिस ने दो विकेट चटकाए और जेम्स फॉल्कनर तथा एडम जाम्पा को एक-एक सफलता मिली।
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