झुंझुनूं। किसी भी काम को करने का अगर मन में जुनून हो तो सफलता अपने आप कदम चूमती है। ऐसा ही कुछ हुआ है झुंझुनूं जिले के चूड़ी अजीतगढ़ जैसे छोटे से गांव में रहने वाले कुलवंत के साथ। गांव में युवाओं के साथ क्रिकेट खेलने वाले कुलवंत की खुशी का उस समय ठिकाना नहीं रहा जब आईपीएल के लिए मुम्बई इंडियन्स ने टीम में उसे जगह मिली। इस टीम में कुलवंत को बतौर गेंदबाज 10 लाख रुपए में खरीदा है। गांव में किराने की छोटी से दुकान चलाकर घर का गुजारा करने वाले शंकरसिंह के इस बेटे में क्रिकेट का जुनून समाया हुआ है। परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के बावजूद कुलवंत ने दिल्ली में एकेडमी ज्वाइन की और बिना रणजी खेले आईपीएल में चयन हुआ। हालांकि चंद दिनों पहले ही कुलवंत का चयन दिल्ली की रणजी टीम में भी हुआ हैं। [# भारत के खिलाफ इस अनचाहे रिकॉर्ड में No.1 गेंदबाज हैं नाथन लियोन] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
खुशी से छलक पड़ी मां की आखें
कुलवंत की मां अपने बेटे के संघर्षपूर्ण जीवन के बारे में बताते बताते रो पड़ती है। मां सरोज कंवर की मानें तो उसने बेटे की खुशी के खातिर अपने पति से झूठ बोला और बेटे को छुप छुप कर क्रिकेट खेलने के लिए जाने दिया। ऐसा नहीं है कि बेटे के क्रिकेट खेलने से मां खुश थी। मां-पिता, भाई, बहन सभी उसे ताने मारते और डांटते थे। इन सबके बावजूद कुलवंत का क्रिकेट प्रेम कम नहीं हुआ। उसकी जिद के कारण ही उसे दिल्ली क्रिकेट एकेडमी में भेजा गया। पिता पैसे दे-देकर थक गए थे, लेकिन जब कुलवंत के भाई की रोडवेज में नौकरी लग गई तो उन्होंने उसका सहयोग किया।
भाई ने किया है गांव का नाम रोशन
कुलवंत की बहन भी अपने भाई की उपलब्धि पर खुशी मना रही है। भावुक होते हुए उसने बताया कि जिसे पढ़ाई के लिए बोलकर कुछ करने के लिए कहा जाता था, आज उसने न केवल परिवार का, बल्कि गांव और प्रदेश का नाम रोशन कर परिवार का सीना चौड़ा कर दिया है। बहन की मानें तो क्रिकेट के कारण पिछले दो साल में दो-तीन बार ही कुलवंत मिलने आया और एक दिन से ज्यादा नहीं रूका। राखी पर भी आया तो एक दिन रूका। वह उस समय भी आत्मविश्वास भरा हुआ था। उसने कहा था कि इस बार चमत्कार होगा और पहली सफलता मिलकर रहेगी। बहन दिली तमन्ना है कि अब उसका नटखट और शैतान लगने वाला भाई इंडियन टीम में भी खेलें।
बधाईयों का लगा है तांता
कुलवंत की बहन
कुलवंत का आईपीएल में चयन होने की खुशी पूरे गांव में हैं। बीते दो दिनों में परिवार के लोगों को गांव वालों, रिश्तेदारों ने खूब बधाई दी हैं। जिसके बाद परिवार वालों को पहली बार लगा है कि उनका बेटा कुलवंत कुछ करेगा। बिना रणजी खेले आईपीएल में चयन होना अपने आप में बड़ी सफलता है। यहां एक सवाल यह पैदा होता है कि राजस्थान से लगातार आईपीएल में खिलाडिय़ों का चयन हो रहा है, लेकिन वे दूसरी जगहों पर जाकर अपनी तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में सरकार राजस्थान में भी ऐसी एकेडमी तैयार कर पाएगी या नहीं?
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