ग्लास्गो। विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप का फाइनल जिस स्तर का होना चाहिए रविवार को वह पूरी दुनिया को नजर आया। महिला एकल वर्ग के फाइनल में रियो ओलम्पिक-2016 की रजत पदक विजेता भारत की शीर्ष खिलाड़ी पी. वी. सिंधु का सामना जापान की नोजोमी ओकुहारा से था। रियो ओलम्पिक-2016 के बाद दो बार की कांस्य पदक विजेता सिंधु से पूरे देश को एक बार फिर स्वर्ण की उम्मीद थी, हालांकि पहली बार फाइनल खेल रहीं सिंधु के इस स्वर्णिम सफर पर ओकुहारा ने लगाम लगा दी और सिंधु को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली ओकुहारा ने सिंधु को बेहद रोचक और संघर्षपूर्ण मुकाबले में 21-19, 20-22, 22-20 से मात दी। एक घंटे 50 मिनट तक चले मुकाबले में रोमांच ऐसा था कि दर्शक अपनी सीट से उठ नहीं पाए, क्योंकि दोनों खिलाडिय़ों के बीच एक-एक अंक की दिलचस्प लड़ाई देखी गई। तीसरे गेम में दोनों खिलाड़ी पूरी तरह थकी नजर आ रही थीं, लेकिन जीत की जिद लिए बैठी दोनों खिलाडिय़ों ने हार नहीं मानी। ओकुहारा विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली जापान की पहली महिला खिलाड़ी बनीं। दोनों के बीच यह सातवीं भिड़ंत थी, जिसमें जापानी खिलाड़ी ने चौथी बार बाजी मारी। सिंधु ने रियो ओलम्पिक और इसी साल सिंगापुर ओपन में ओकुहारा को मात दी थी।
हालांकि सिंधु पहली बार इस चैम्पियनशिप में भारत को स्वर्ण दिलाने का इतिहास नहीं रच सकीं, लेकिन एक इतिहास रचने में सफल रहीं। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत को विश्व चैम्पियनशिप में दो पदक मिले हों। सायना नेहवाल ने शनिवार को कांस्य पदक जीता था। पहला गेम काफी रोमांचक रहा। ओकुहारा ने पहला अंक लिया, लेकिन सिंधु ने तुरंत बराबरी की। कुछ देर तक सिलसिला ऐसे ही चलता रहा और एक समय स्कोर 5-5 से बराबर था। सिंधु ने यहां से बढ़त बनाना शुरू की और पहले गेम के हाफ तक 11-5 से आगे निकल गईं, लेकिन ब्रेक के बाद ओकुहारा ने सिंधु पर दबाव बनाना शुरू किया और सिंधु ने गलतियां करनी शुरू कर दीं। ओकुहारा 14-11 से आगे हो गई थीं। हालांकि सिंधु ने हार नहीं मानी और स्कोर 14-14 से बराबर कर लिया।
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