नई दिल्ली। चुनाव आयोग में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के खिलाफ चल रहे
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में नई तारीख मिली है। अब आप के विधायक 7 अक्टूबर तक
अपने पक्ष में कुछ और कागजात चुनाव आयोग में पेश कर सकेंगे।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने चुनाव आयोग से
अपील की थी कि उन्हें मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कुछ और कागजात जमा
करने के लिए वक्त दिया जाए। इसमें हाई कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया
गया, जिसमें कोर्ट ने पार्लियामेंट्री सेRटरीज की नियुक्तियों को ही अवैध
ठहरा दिया था और रद्द कर दिया था।
विधायकों की दलील थी कि उन्हें अभी तक फैसले की कॉपी नहीं मिली है, जबकि
याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल ने विधायकों की इस मांग का विरोध किया और कहा कि
हाई कोर्ट का फैसला आए 20 दिन से ज्यादा हो गए, ऎसे में विधायकों की दलील
बेमानी है कि उन्हें फैसले की जानकारी नहीं है या फिर फैसला पढ़ा नहीं है।
यही नहीं, प्रशांत पटेल ने दलील दी कि फैसले की कॉपी हासिल करने के लिए 20
दिन का समय पर्याप्त था। इसलिए विधायकों की वक्त मांगने की मांग सही नहीं
है।
प्रशांत पटेल ने बाद में मीडिया से बात करते हुए भी कहा कि आम आदमी पार्टी
के विधायक जानबूझकर मामले की सुनवाई में देरी कर रहे हैं और बेवजह की मांग
करके चुनाव आयोग का वक्त भी बर्बाद कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के विधायक कैलाश गहलोत ने कहा कि कई विधायक ऎसे हैं जो हाई
कोर्ट के फैसले का अध्ययन नहीं कर पाए हैं, जो इसी केस से संबंधित है। ऎसे
में ये महत्वपूर्ण दस्तावेज है, इसलिए इस मामले की सुनवाई में इस आदेश का
शामिल होना बहुत जरूरी है।