GST: 20लाख से कम कारोबार दायरे से बाहर,कर दरों पर फैसला बाद में

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 23 सितम्बर 2016, 6:58 PM (IST)

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में इससे जुडी पेचीदगियों पर चर्चा हुई जिसके बाद केंद्र और राज्यों के बीच थ्रेसहोल्ड लिमिट पर सहमति बन गई है। लेकिन वास्तविक कर की दरों और मसौदे के अंतिम रूप देने की प्रक्रिया बाद में तय की जाएगी।

जीएसटी काउंसिल की बैठक में तय हुआ है कि 20 लाख रूपए सालाना से कम का कारोबार जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा, वहीं उत्तर-पूर्वी राज्य और दूसरे पहाडी राज्यों में 10 लाख रूपए से कम का कारोबार इस कानून के दायरे से दूर रहेगा। यह भी तय किया गया कि जिन कंपनियों का सालाना टर्नओवर 20 लाख से डेढ करोड के बीच है, उन पर लगने वाले जीएसटी का आंकलन राज्य सरकार के अधिकारी करेंगे, जबकि डेढ करोड से अधिक का कारोबार करने वाले उद्यमों में दोहरे नियंत्रण की व्यवस्था रहेगी, यानी टैक्स पर केस के हिसाब से राज्य सरकार और केंद्र दोनों फैसला लेंगे।

बैठक में यह भी तय किया कि मुआवजा और जीएसटी दरें लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने का आधार वर्ष 2015-16 होगा। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने बताया कि सभी उपकर जीएसटी में समाहित होंगे, जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 30 सितंबर को होगी जिसमें मुख्य तौर पर राज्यों को दिए जाने वाले मुआवजे के प्रारूप और मापदंडों को तय किया जाएगा।