संरक्षित वन क्षेत्रों की बेहतरी के लिए जनभागीदारी अहम

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 22 सितम्बर 2016, 10:15 PM (IST)

जयपुर।मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी संरक्षित वन क्षेत्रों की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासरत है, लेकिन इसमें जन भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटकों को भी पर्यावरण प्रेमी और उसके संरक्षक का वाहक बनाया है।श्रीमती राजे गुरूवार को नई दिल्ली के बीकानेर हाऊस में श्रीमती अंजली सिंह और जयसल सिंह द्वारा लिखित पुस्तक जवाई-लैण्ड आॅफ द लेपर्ड के लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रही थीं।मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि पर्यटकों को न सिर्फ पर्यटक स्थलों का भ्रमण करना चाहिए। साथ ही वहां के प्राकृतिक पर्यावरण एवं जीव-जन्तुओं, पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी एवं उनकी निजता का ध्यान रखना चाहिए। इससे पर्यावरण एवं प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाले पक्षियों, जानवरों की सुरक्षा एवं संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूरू जिले का ताल छापर अभ्यारण्य करीब 40 प्रकार के शिकारी पक्षियों की प्रजातियों का विशाल घर है। इसी प्रकार, चम्बल नदी में घड़ियालों एवं अरावली की पहाड़ियों में काले रीछों को भ्रमण करते आसानी से देखा जा सकता है।श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में दो राष्ट्रीय पार्क एवं 23 अभ्यारण्यों सहित कुल क्षेत्राफल का करीब 3.5 प्रतिशत क्षेत्रा संरक्षित क्षेत्रा नेटवर्क में शामिल है।इस अवसर पर केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलात राज्यमंत्राी (स्वतंत्र प्रभार) विजय गोयल, पूर्व केन्द्रीय मंत्राी मणिशंकर अय्यर, डाॅ. करण सिंह, विभिन्न राष्ट्रों के राजदूत, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित, केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि, राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण निहाल चंद गोयल, राजस्थान की पर्यटन सचिव श्रीमती रोली सिंह, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् की सदस्य श्रीमती मालविका सिंह और श्रीमती मीरा महर्षि, राजस्थान राज्य वन्य जीवन मण्डल के सदस्य वाल्मिक थापर, तेजवीर सिंह, श्रीमती संजना कपूर, अंशू जैन सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।