आम-रेल बजट विलय जनविरोधी:माकपा

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 22 सितम्बर 2016, 8:02 PM (IST)

नई दिल्ली। माकपा ने गुरूवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का रेलवे बजट को आम बजट में विलय करने का फैसला एकतरफा है और यह व्यापक जनहित के खिलाफ है। माकपा ने एक बयान में कहा,केंद्रीय मंत्रिमंडल का रेलवे बजट को आम बजट में विलय करने का कदम संसद में चर्चा के बिना एकतरफा तौर से उठाया गया है। यह संसद है जिसे रेलवे के वित्त और विकास पर चर्चा करने का अधिकार है।

माकपा ने कहा है कि यह फैसला भारतीय रेलवे के व्यवसायीकरण और निजीकरण को बढावा देगा। माकपा ने कहा,भारतीय रेलवे देश में सबसे बडी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है जो लाखों आम लोगों की जरूरतों को पूरा करती है। इस सार्वजनिक सेवा वाहक को विशुद्ध रूप से वाणिज्यिक आधार पर नहीं देखा जा सकता।

बयान के मुताबिक रेल बजट संसद में पेश होने से उसके वित्त और व्यय की संसदीय जांच और अनुमोदन और विस्तार की योजनाओं पर चर्चा का अवसर मिलता था। लेकिन इसके विलय के बाद अब यह नहीं हो पाएगा।

माकपा ने कहा,रेल बजट और केंद्रीय बजट को विलय करने का फैसला विवेक देबरॉय समिति की सिफारिश के आधार पर लिया गया है जिसने भारतीय रेलवे के व्यवसायीकरण और निजीकरण के लिए खाका तैयार किया है। यह रेल किराए में भारी वृद्धि और साथ ही अभिजात्य वर्ग के लिए सेवाओं और आम यात्रियों के लिए खराब सुविधाओं की दिशा में बढती खाई का पूर्वसूचक है। (आईएएनएस)