चेन्नई। भारत के ग्रैंडमास्टर पी. हरिकृष्णा ने कहा है कि हाल ही में अजरबेजान के बाकू में आयोजित विश्व शतरंज ओलम्पियाड में भारतीय दल ने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन वह कई मौकों पर जीत के पास पहुंच कर बेपटरी हो गया। भारत ओलम्पियाड में ओपन श्रेणी में चौथे स्थान पर रहा था।
इसमें कोई शक नहीं है कि भारतीय खिलाडिय़ों ने यहां शानदार प्रदर्शन किया।
शीर्ष टीम रूस और नॉर्वे के साथ ड्रा खेला जबकि मेजबान अजरबेजान,
नीदरलैंड्स और इंग्लैंड के खिलाफ जीत हासिल की। शतरंज विशेषज्ञ ने आईएएनएस
के ई-मेल द्वारा किए गए साक्षात्कार में कहा कि भारतीय खिलाडिय़ों ने
हालांकि अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वह अहम समय पर इस प्रदर्शन को जीत में
नहीं बदल पाए और उन्हें ड्रा से ही संतोष करना पड़ा।
ग्रैंडमास्टर
हरिकृष्णा ने कहा कि जब आप शतरंज ओलम्पियाड जैसे टूर्नामेंट में खेलते हैं
तो कुछ गलतियां हो जाती हैं। अगर आप मैचों के देखें तो कई खिलाड़ी जीत के
करीब आकर चूक गए। हरिकृष्णा ने ओलम्पियाड में शानदार और महत्वपूर्ण
प्रदर्शन किया। उन्होंने विश्व की नौवीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी रूस के
सर्जी कारजाकिन, अजरबेजान के मामेडायरोव को मात दी वहीं, विश्व की शीर्ष
वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के साथ ड्रॉ खेला।
नीदरलैंड्स
के 12वीं विश्व वरीयता प्राप्त खिलाड़ी अनिश गिरी और विश्व की तीसरी
वरीयता प्राप्त खिलाड़ी अमेरिका के फाबियो कारुना के साथ ड्रा खेला।
हरिकृष्णा ने कहा कि एक खिलाड़ी के तौर पर हमें 11 राउंड खेलने होते हैं।
इसलिए टूर्नामेंट के दौरान पदक जीतने के बार में ध्यान नहीं जाता।
भारत
छठें राउंड तक आगे चल रहा था लेकिन बाद में उसे अमेरिका और यूक्रेन से हार
के कारण पीछे जाना पड़ा। उनसे जब पूछा गया कि क्या भारत पर दबाव था।
उन्होंने कहा कि अगर हम पर कोई दबाव होता तो हम छह दौर में आगे नहीं होते।
अमेरिका और यूक्रेन पहले एवं दूसरे स्थान पर रहे। यह दोनों मैच बेहद करीबी
थे। यूक्रेन के खिलाफ हमारे जीतने की संभावना थी।
(IANS)