फ्रॉड करने वाली नॉन बैंकिंग कंपनियों पर कसा कानूनी शिकंजा

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 22 सितम्बर 2016, 4:00 PM (IST)

जयपुर । वसुंधरा कैबिनेट ने राजस्थान प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिटर्स कानून को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस कानून के बनने से प्रदेश में वित्तीय लेन-देन के कारोबार के जरिये लोगों से ठगी करने वाली कंपनियों पर कानूनी शिकंजा कस सकेगा। कैबिनेट बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रदेश के अंदर नॉन बैंकिंग संस्थान, जो आकर्षित और लोक लुभावने प्रलोभन देकर आम लोगों से रुपयों की धोखाधड़ी करते थे, उसके लिए पहले कोई कानून नहीं था। उन्होंने बताया कि जयपुर, धौलपुर, श्रीगंगानगर, झुंझुनूं समेत प्रदेश के कई जिलों से इस तरह की फ्रॉड कंपनियों की शिकायते आ रही थी। उन्होंने बताया कि इस प्रस्तावित अध्यादेश के तहत जिला मजिस्ट्रेट वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले संस्थान को सुनवाई का मौका देकर उसकी चल-अचल संपत्ति को कुर्क कर सकेगा। साथ ही हर जिले में इन मामलों की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट होगी। प्रस्तावित अध्यादेश में सजा का प्रावधान कम से कम 3 साल और अधिकतम 7 साल रखा गया है । वहीं जुर्माने की धनराशि 2 लाख से 5 लाख रुपये तक रखी गई है। संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि गैर बैंकिंग संस्थान अगर अपनी संपत्ति को बेनामी रूप से बेचगा, तो भी उस संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि एक साल के अंदर इस तरह के मामले की सुनवाई पूरी होगी। साथ ही ये समवर्ति सूची का विषय है इसलिए इस अध्यादेश को राज्यपाल के जरिये राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।